SHIV CHAISA - AN OVERVIEW

Shiv chaisa - An Overview

Shiv chaisa - An Overview

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जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्त धाम शिवपुर में पावे॥

धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥

द्वादश ज्योतिर्लिंग मंत्र

नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥

किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥

शंकर हो संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन॥

त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥

कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भए प्रसन्न दिए इच्छित वर॥

आज के युग में शिव चालीसा पाठ व्यक्ति के जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। शिव चालीसा लिरिक्स की सरल भाषा के मध्यम भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है।

संकट से मोहि आन उबारो ॥ मात-पिता भ्राता सब होई ।

Whosoever presents incense, Prasad and performs arati to Lord shiv chalisa in hindi Shiva, with really like and devotion, enjoys content contentment and shiv chalisa lyricsl spiritual bliss in this planet and hereafter ascends to your abode of Lord Shiva. The poet prays that Lord Shiva taken off the struggling of all and grants them eternal bliss.

पुत्र हीन कर इच्छा कोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥

मैना Shiv chaisa मातु की ह्वै दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥

सांचों थारो नाम हैं सांचों दरबार हैं - भजन

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